Wednesday 25 November 2015

DEV DEEPAWALI..

"देव दीपावली" , "गुरु पूरब"  की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें। 
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि आज प्रातः 7 :09 बजे से कल प्रातः 4 :14 बजे तक रहेगी। 

आज ही के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर पर विजय प्राप्त की थी  इसीलिए इस  पर्व को त्रिपुरोत्सव के नाम से भी पुकारा जाता है।  भगवान कार्तिकेय का जन्म भी आज ही हुआ था।  

आज गंगा स्नान करने से ईश्वर की असीम अनुकम्पा प्राप्त होती है।  ऐसा माना जाता है की आज के दिन समस्त देवी एवं देव गण पृथ्वी लोक में गंगा जी एवं अन्य नदियों में आ के वास करते हैं एवं भक्तजनों को पूर्ण रूप से आशीर्वाद देते हैं। 

बनारस में खास कर आज गंगा जी के घाट को दीपों द्वारा सजाया जाता है एवं देव गणो के नाम पर दीप गंगा जी में प्रवाहित किये जाते हैं।  

देवोठाओनी  एकादशी से शुरू होने वाले कई पर्व आज पूर्ण होते हैं।  तुलसी जी का शालिग्राम से विवाह एकादशी से लेकर से लेकर कार्तिक पूर्णिमा के दिन तक किसी भी  जा सकता है।  आज ही देवी वृंदा (तुलसी) की जयंती भी मनाई जाती है।  भीष्म पंचक / विष्णु पंचक व्रत एकादशी से शुरू होकर आज ही के दिन पूर्ण होता है। 

 वैकुण्ठ चतुर्दशी , पूर्णिमा से एक  से शुरू होती है , इस दिन माना गया है की भगवान विष्णु ने भगवान शिव का पूजन कर उन्हे 1000 कमल के पुष्प भेंट किये थे।  शिव भक्तों के लिए के लिए प्रातः काल  मणिकर्णिका घाट में स्नान करने का विशेष विधान है।  

आज मत्स्य जयंती भी मनाई जाती है , भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार में आज ही के जिन जन्म लिया था।  यह पर्व समस्त जीवों में एकरूपता एवं समानता का भी घोतक है।  
सिख समाज में आज गुरु पूरब मनाया जाता है। आज ही गुरु नानक देव ने जन्म लिया था।  

देव दिवाली के दिन किये जाने वाले कुछ ख़ास एवंम महत्वपूर्ण उपाय :-

# आज रात्रि के समय पूर्वजों के नाम पर दक्षिण दिशा की तरफ सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं।  दीपक को थोड़ी सी चावल के ढेरी के ऊपर रखें. आपके पूर्वजों को शांति मिलेगी एवं आपके भी दुखों का अंत होगा।  पितृ दोष से अगर आप पीड़ित हैं तो आज  को अवश्य करें। पितरों के नाम से किया हुआ दान पुण्य भी आज आपको काफी फलेगा।  

# अगर आपका विवाह नहीं हो पा रहा है या फिर प्रेम  से वंचित हैं तो आज के दिन राधा - कृष्ण का पूजन अवश्य करें।  मन ही मन राधे राधे का जप करें और अपनी इच्छा भगवान तो समर्पित करें।  ईश्वर कृपा से आपको आपका प्रेम अवश्य मिलेगा एवं विवाह भी शीघ्र होगा।  
ऐसा माना जाता है की आज भगवान कृष्ण ने राधा जी के साथ रास लीला रची थी एवं उन्होंने राधा जी के देवी स्वरुप का पूजन भी किया था। 

# अगर घर में अशांति , क़र्ज़ , दुःख आदि का वास हो तो आज के दिन संध्या के वक़्त मछली बाजार में बेचीं जा रही कुछ ज़िंदा मछलियों को खरीदकर नदी या तालाब में छोड़ आएं।  छोड़ते वक़्त प्रार्थना करें की वह आपकी समस्याओं से आपको मुक्त करें। दरिद्रता ख़त्म होगी , सुख  और शांति बनी रहेगी। 

घर पर एक एक्वेरियम भी रख सकते हैं।  मछलियों को दाना खिलाएं , अत्यंत शुभ होगा।  

संध्या को पूजन कर घर के बाहर एक दिया अवश्य जलाएं।  मंदिर में नौ  दीये जलाएं।  भगवान गणेश , विष्णु जी  , शिव- शक्ति , कार्तिकेय जी  , राधा कृष्ण, गंगा जी, तुलसी जी, समस्त  गण  एवं कुल देवता के नाम दीप अवश्य प्रज्वल्लित करें।  शुभ होगा।  

~ नन्दिता पाण्डेय 



Tuesday 10 November 2015

सुख समृद्धि  एवं व्यापर में उन्नति के लिए दीपावली में किये जाने वाले कुछ विशेष उपाय  :
 ( आचार्या नन्दिता  पाण्डेय )
 
आप सभी को दीपावली के इस पावन पर्व कि बहुत सारी शुभकामनाएं ..!! निम्न लिखित उपायों को आप खुद कर सकते हैं ..यह काफी सरल हैं एवं अचूक रामबाण कि तरह काम करते हैं ..!!

१.:  एक सुपारी और एक सिक्का लें और इसे पीपल के पेड़ के नीचे शनिवार कि रात्रि को रख दें और इतवार कि सुबह को वहां से एक पीपल का पत्ता भी तोड़ लायें .. उस पीपल के पत्ते को अपनी तिजोरी में रखें ..व्यापर वृद्धि अवश्य होगी ...!!

२.: दीपवाली से शुरू कर तेल का दीया हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं .. यह उपाय वर्ष भर करना है .. सफलता ज़रूर प्राप्त होगी ..!

३.: काले तिल का उतारा कर उत्तर दिशा कि तरफ फेंके ... कोई भी नज़र दोष से मुक्ति प्राप्त होगी ..!

४ : दीपावली कि रात्रि को व्यापर वृद्धि यन्त्र कि यथाविधि पूजन कर उस पर काला काजल लगायें ...फिर काली डोर से इसे बांध कर , नागकेशर के साथ अपनी तिजोरी  में रखें ... व्यापार में चारों ओर से सफलता प्राप्त होगी एवं रुके हुए कार्य पूरे होंगे !

५ .:  श्वेतार्क गणपति कि मूल को जलाकर उसके भस्म का तिलक रोज़ लगाने से आर्थिक वृद्धि होती है !

६.:  ५ लौंग को कपूर में जलाएं और इस भस्म का तिलक लगायें ..आपके समस्त शत्रु धीरे- धीरे पराजित होते जायेंगे !

७.: ११ लक्ष्मी कौड़ी का पूजन कर घर के किसी कोने में गाड़ दें ... फ्लेट्स में रहते हैं तो गमले में भी गाड़ सकते हैं ... यह उपाय रात्रि को १२ बजे करना है..या दिवाली 
कि रात्रि को स्थिर लग्न में करना है ...सुख और समृद्धि बनी रहेगी !

८ . : ७ कौड़ियों का पूजन कर सिंदूर के साथ एक डब्बी में रख कर अपनी तिजोरी में रखें ..आर्थिक लाभ होगा एवं क़र्ज़ से भी छुटकारा मिलेगा !

९. : जॉब promotion के लिए ११ कौड़ियों लक्ष्मी मंदिर में चढ़आयें .. " एं श्रीं ह्रीं क्लीं !" मंत्र का जाप ७ माला करें और फिर कौड़ी को लक्ष्मी मंदिर में चढ़आयें!

१० : एक लाल कपड़े में एक एकाक्षी नारियल , कामिया सिन्दूर , अक्षत और लाल फूल बाँध कर पहले माँ लक्ष्मी कि यथाविधि पूजन करें .. फिर सारी सामग्री को लाल कपडे में बाँध कर तिजोरी में रखने से आर्ठिक उन्नति वर्ष भर रहती है !

११ : १२ गोमती चक्र ले कर एक लाल कपडे में बांधें ...दीवाली कि रात्रि को स्थिर लग्न में माँ लक्ष्मी का यथाविधि पूजन कर इस पोटली को अपने ऑफिस के मुख्या 
द्वार कि चौखट में बांधें ताकि इसके नीचे से होकर ग्राहक आपसे मिलने आये ... यह उपाय आपकी व्यापर में पूर्ण उन्नति करक स्थितियां पैदा करता है !  

१२ .: पारद लक्ष्मी गणेश कि मूर्ति कि स्थापना अपने घर के पूजा स्थान में करें .. ७ कौड़ियाँ उन पर वारती हुए , माँ लक्ष्मी के चरणों में रखें , यह पुरे २७ दिन तक रखना है ..फिर इन कौड़ियों को प्रवाह कर दें ..जब ऐसा करें तो दक्षिण दिशा कि तरफ मुहं कर ये मंत्र का पाठ करें : " ॐ श्रीं ह्रीं महालक्ष्मी मम गृहे आगच्छ स्थिर फट !!"

१३ .: कपूर और रोली कि भस्म को अपनी तिजोरी में रखें ..आर्थिक लाभ आवश्य होगा !

१४. : ३ गोमती चक्र , तीन कौड़ी और तीन काली हल्दी को एक पीले कपड़े में बाँध कर दिवाली कि रात्रि कि पूजन कर अपनी तिजोरी में रखें ... ना कोई नज़र दोष होगा , ना ही घाटा ... आर्थिक लाभ और सर्वयापी उन्नति अवश्य होगी !

इस बात का अवश्य  ध्यान रखें कि सारे उपाय दीपावली कि पांच शुभ दिनों में किये जा सकते हैं... लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है दीपावली के दिन में स्थिर लग्न में माँ लक्ष्मी का पूजन एवं सारे उपायों का भी पूर्ण कार्य ... ऐसा करने से वर्ष भर सुख समृद्धि रहती है एवं कोई भी विपदा आने से पहले ही समाप्त हो जाती है ... 

अगर आपको दीपावली के शुभ मुहूर्त में पूजन एवं सिद्ध किये हुए यंत्रों एवं सामग्री कि आवश्यकता है तो कृपया कर हमारे inbox में अपनी आवश्यकता ज़रूर लिख दें.. 


Sunday 8 November 2015

Deepawali Pujan

दीपावली की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें , इस पंच दीप पर्व की शुरुआत धनत्रयोदशी से होती है एवं समापन भाई दूज से होता है । इस वर्ष दीपावली पर्व की शुरुआत 9th नवंबर से 13th नवम्बर तक होगी।  

9th  को धनत्रयोदशी के दिन भगवन विष्णु के अवतार , आयुर्वेद के स्थापक भगवान  धन्वन्तरि का पूजन अनिवार्य है।  वर्ष भर घर में सुख समृद्धि , अच्छी सेहत , रहे।  बीमारी आदि दूर हों , इसीलिए आज भगवन धन्वन्तरि का पूजन किया जाता है। 
संध्या के वक़्त एक दिया घर के बाहर  यमदेव के लिए जलाया जाता है ताकि समस्त परिवार रोग, शोक आदि से दूर रहे। 
 दीप प्रज्वल्लित करते वक़्त निम्न मन्त्र का जप करें। 
" मृत्युना पाश हस्तेन कालेन भार्यया सः , त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः   प्रियतामिति ॐ यमाय नमः। "

आज के दिन भगवान  कुबेर का पूजन भी किया जाता है।  अपने द्रव्यकोष की आज  पूजा करनी चाहिए। कुबेर भगवान का ध्यान करते हुए निम्न मंत्र का जप करें। 
" यक्षाय कुबेराय वैष्णवाये धन - धान्य अधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा। "  

10 th को नरक चतुर्दशी , छोटी दीपावली , रूप चतुर्दशी आदि के नाम से पुकारा जाता है।  नर्क से मुक्ति या नर्क जैसी स्तिथि से मुक्ति के लिए इस दिन प्रातः काल तिल के तेल के उबटन के पश्चात इस अभ्यंग स्नान का अत्यंत महत्त्व है।  

11 th नवम्बर  को महालक्ष्मी जी की विशेष पूजा की जाती है।  सर्व सुख , धन धान्य , समृद्धि , वृद्धि , यश और सम्मान आदि के लिए माँ लक्ष्मी का पूजन इस दिन करने से विशेषकर लाभ होता है।  

12 th को गोवर्धन पूजन या अन्नकूट पूजन का महत्त्व है।  इस दिन भगवान कृष्ण / विष्णु  को अन्न का भोग लगाया जाता है।  इस दिन से गुजरात में नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। 

13th को बहाई दूज मनाया जाता है।  दीपावली पर्व का समापन भाई दूज से होता है।  इस दिन भाई अगर बहिन के घर आकर बोजन ग्रहण कर ले तो उसे पुरे वर्ष ईश्वर का संरक्षण प्राप्त रहता है। 

दीपावली के विभिन्न दिनों के पूजन मुहूर्त निम्न प्रकार से हैं :

9 th  :

धनत्रयोदशी पूजन मुहूर्त : प्रदोष काल - 5:50 pm - 7:06 pm.
यमदीप प्रज्वलित मुहूर्त  : 5:26 pm - 6:46 pm.

10th : नर्क चतुर्दशी स्नान मुहूर्त : 5:11 am - 6:43 am.

11th :

दीपावली में लक्ष्मी पूजन काल 
दोपहर मुहूर्त : 2:45 pm - 5:26.
संध्या : 5:42 pm - 7:48 pm. , सबसे शुभ समय : 7:06 pm - 7:48 pm.

महानिशित काल में लक्ष्मी पूजन समय  : इस वर्ष नहीं है। 
अमावस्या तिथि 23:16 pm तक है और महानिशित काल  का समय 23:38 pm से शुरू है।  

12th : अन्नकूट पूजन :
प्रातः काल :6:44 am - 8:52 am
संध्या काल : 3:17 pm - 5:25 pm.

13th : भाई दूज टीका मुहूर्त : 1:09 pm - 3:16 pm

आप सभी की दीपावली शुभ हो। … 

नन्दिता पाण्डेय -
ज्योतिषाचार्य , टैरो कार्ड रीडर , आध्यात्मिक आचार्या ,पास्ट लाइफ थेरेपिस्ट।