"देव दीपावली" , "गुरु पूरब" की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें।
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि आज प्रातः 7 :09 बजे से कल प्रातः 4 :14 बजे तक रहेगी।
आज ही के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर पर विजय प्राप्त की थी इसीलिए इस पर्व को त्रिपुरोत्सव के नाम से भी पुकारा जाता है। भगवान कार्तिकेय का जन्म भी आज ही हुआ था।
आज गंगा स्नान करने से ईश्वर की असीम अनुकम्पा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है की आज के दिन समस्त देवी एवं देव गण पृथ्वी लोक में गंगा जी एवं अन्य नदियों में आ के वास करते हैं एवं भक्तजनों को पूर्ण रूप से आशीर्वाद देते हैं।
बनारस में खास कर आज गंगा जी के घाट को दीपों द्वारा सजाया जाता है एवं देव गणो के नाम पर दीप गंगा जी में प्रवाहित किये जाते हैं।
देवोठाओनी एकादशी से शुरू होने वाले कई पर्व आज पूर्ण होते हैं। तुलसी जी का शालिग्राम से विवाह एकादशी से लेकर से लेकर कार्तिक पूर्णिमा के दिन तक किसी भी जा सकता है। आज ही देवी वृंदा (तुलसी) की जयंती भी मनाई जाती है। भीष्म पंचक / विष्णु पंचक व्रत एकादशी से शुरू होकर आज ही के दिन पूर्ण होता है।
वैकुण्ठ चतुर्दशी , पूर्णिमा से एक से शुरू होती है , इस दिन माना गया है की भगवान विष्णु ने भगवान शिव का पूजन कर उन्हे 1000 कमल के पुष्प भेंट किये थे। शिव भक्तों के लिए के लिए प्रातः काल मणिकर्णिका घाट में स्नान करने का विशेष विधान है।
आज मत्स्य जयंती भी मनाई जाती है , भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार में आज ही के जिन जन्म लिया था। यह पर्व समस्त जीवों में एकरूपता एवं समानता का भी घोतक है।
सिख समाज में आज गुरु पूरब मनाया जाता है। आज ही गुरु नानक देव ने जन्म लिया था।
देव दिवाली के दिन किये जाने वाले कुछ ख़ास एवंम महत्वपूर्ण उपाय :-
# आज रात्रि के समय पूर्वजों के नाम पर दक्षिण दिशा की तरफ सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। दीपक को थोड़ी सी चावल के ढेरी के ऊपर रखें. आपके पूर्वजों को शांति मिलेगी एवं आपके भी दुखों का अंत होगा। पितृ दोष से अगर आप पीड़ित हैं तो आज को अवश्य करें। पितरों के नाम से किया हुआ दान पुण्य भी आज आपको काफी फलेगा।
# अगर आपका विवाह नहीं हो पा रहा है या फिर प्रेम से वंचित हैं तो आज के दिन राधा - कृष्ण का पूजन अवश्य करें। मन ही मन राधे राधे का जप करें और अपनी इच्छा भगवान तो समर्पित करें। ईश्वर कृपा से आपको आपका प्रेम अवश्य मिलेगा एवं विवाह भी शीघ्र होगा।
ऐसा माना जाता है की आज भगवान कृष्ण ने राधा जी के साथ रास लीला रची थी एवं उन्होंने राधा जी के देवी स्वरुप का पूजन भी किया था।
# अगर घर में अशांति , क़र्ज़ , दुःख आदि का वास हो तो आज के दिन संध्या के वक़्त मछली बाजार में बेचीं जा रही कुछ ज़िंदा मछलियों को खरीदकर नदी या तालाब में छोड़ आएं। छोड़ते वक़्त प्रार्थना करें की वह आपकी समस्याओं से आपको मुक्त करें। दरिद्रता ख़त्म होगी , सुख और शांति बनी रहेगी।
घर पर एक एक्वेरियम भी रख सकते हैं। मछलियों को दाना खिलाएं , अत्यंत शुभ होगा।
संध्या को पूजन कर घर के बाहर एक दिया अवश्य जलाएं। मंदिर में नौ दीये जलाएं। भगवान गणेश , विष्णु जी , शिव- शक्ति , कार्तिकेय जी , राधा कृष्ण, गंगा जी, तुलसी जी, समस्त गण एवं कुल देवता के नाम दीप अवश्य प्रज्वल्लित करें। शुभ होगा।
~ नन्दिता पाण्डेय